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हाथों और पैरों में झनझनाहट को कई बीमारियों के शुरुआती लक्षणों के तौर पर देखा जाता है। आइए जानते है हाथों और पैरों में सेंसेशन होने के पीछे की वजहों के बारे में।
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काफी देर तक एक ही जगह पर या एक ही पोजीशन में बैठे रहने के कारण नसों पर दबाव पड़ता है और ब्लड सर्कुलेशन रुक जाता है। इससे नसें सुन्न हो जाती हैं, जो हाथ और पैरों में झनझनाहट का कारण बनती है।
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डायबिटीज की समस्या में झनझनाहट तलवों से शुरू होकर पूरे शरीर में फैलती है। त्वचा में जलन की समस्या का होना, हाथ-पैरों में झनझनाहट होना और शरीर का सुन्न पड़ना आदि समस्याओं को डायबिटीज के शुरुआती लक्षणों में गिना जाता है।
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विटामिन B12 की कमी से शरीर में ब्लड फ्लो खराब हो जाता है, जिस कारण हाथों-पैरों में झनझनाहट की समस्या होने लगती है। यह परेशानी अक्सर 60 साल से अधिक आयु के लोगों में पाई जाती है।
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प्रेग्नेंसी के समय गर्भाशय का आकार बढ़ने की वजह से पैरों पर दबाव पड़ता है, जिससे पैरों में झनझनाहट की समस्या होती है। प्रेग्नेंसी के बाद यह समस्या अपने आप ठीक हो जाती है। प्रेग्नेंसी के बाद भी अगर यह समस्या नहीं जा रही, तो अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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किडनी में परेशानी होने पर नसों पर बुरा प्रभाव पड़ता है। किडनी में होने वाली परेशानी से उसमें लिक्विड टॉक्सिन्स जमा होने लगते हैं, जो नसों को डैमेज करते है, जिसकी वजह से हाथों पैरों में झनझनाहट होने लगती है।
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लंबे समय से शराब का सेवन कर रहे लोगों में भी यह समस्या पाई जाती है। बॉडी में अधिक मात्रा में अल्कोहल होने के कारण नसें सही से कार्य नहीं कर पातीं और शरीर में सेंसेशन, हाथ-पैरों में कमजोरी ओर चलते समय अस्थिरता जैसी परेशानियां होने लगती है।
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इसलिए हाथों-पैरों में झनझनाहट की समस्या होने पर इसे नजरअंदाज न करें और डॉक्टर को दिखाएं। सेहत से जुड़ी और तमाम जानकारियों के लिए पढ़ते रहें